
मुंगेली – प्रदेश सत्ता में काबीज रहते हुए भी अपनी उपेक्षा झेलते मुंगेली जिले को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपेक्षओं का आज तलक सामना करना पड रहा है। बिना सेनापती के सिपाहियों की फौज के सामान मुंगेली कांग्रेस के कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष की राह तकते नजर आ रहे है वही विधानसभा चुनाव के पहले से अपनी दावेदारी ठोकने वाले कार्यकर्ताओं को अभी – भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनदेखी का शिकार होना पड रहा है।
गौरतलब हो कि आने वाले समय में लोकसभा का चुनाव होना है मुंगेली जिला बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र अर्तगत आता है। एक तरफ जहां भाजपा ने बिलासपुर लोकसभा के लिए लोरमी से पूर्व विधायक रहे एवं वर्तमान में प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष की कमान सम्हाल रहे तोखन साहू को अपना प्रत्याशी घोषित करते हुए लोकसभा की तैयारिया प्रारंभ कर दी है । वही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर पशोपेश में नजर आ रही है। ऐसे में मुंगेली जिले के लिए दुबर में दो असाड की कहावत चरितार्थ हो रही है एक तरफ प्रत्याशियों का चयन, वही दुसरी तरफ मुंगेली जिलाकांग्रेस को अपने सेनापति की तलाश ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या विधानसभा चुनाव की भांति आने वाले लोकसभा चुनावो में कार्यकर्ताओं को इसी तरह दिशाहीन मेहनत करनी पडेगी ।
ऐसा क्या कारण है कि मुंगेली जिला कांग्रेस होता है उपेक्षित – मुंगेली जिला कांग्रेस की विडंबना है कि यहां हर छोटे बडे कार्यक्रमो में आलाकमान को रिझाने की कोशिश के चलते गुटबाजियां समय समय पर सामने आती रही है जिसको लेकर कई बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नाराजगी जाहिर की थी । चाहे स्वागत कार्यक्रम हो या फिर कोई अन्य कार्य बाहर से आये नेताओं में अपना वर्चस्व दिखाने की होड में हमेशा से वरिष्ठ कांग्रेसियों का अपमान किया जाता है जिसका दर्द वरिष्ठ कांग्रेसियों के चहेर पर साफ झलकता है। वही मुंगेली कांग्रेस की गुटबाजियों की चर्चाएं आज भी प्रदेश स्तर पर होती है जिसके चलते मुंगेली जिला कांग्रेस को उपेक्षा भरी निगाहो देखा जाता है।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकसभा चुनावो में जिला कांग्रेस की क्या भूमिका रहेगी ये तो आने वाला समय ही बतायेगा ।